प्यार भरा तमाचा

 

प्यार भरा तमाचा

तुकबुक , Tukbook ,
चट-चट चटाक !

हुआ गाल-लाल,
 दिल-बेहाल,
 बिगड़ी मेरी चाल।
पड़ी थी ऐसी जोर की,
मैं घूम - घूम के नाचा था 
ये उसका प्यार भरा तमाचा था। 

चट-चट चटाक !

आवाज गूँजी जोर की,
पंछी भी सारे उड़ गए। 
साथ आये थे मेरे मित्र सभी,
साथ देने से भी मुकड़ गए ।

मेरे गाल थे उसका हाथ था,
घर्षण से गर्मी बढ़ गया। 
अट्ठानवे पर पारा था,
एक सौ बिस पर चढ़ गया।

छरहरी अंगुलियाँ,बड़े नाख़ून,
उसके हाथो का ये ढांचा था। 
ये उसका प्यार भरा तमाचा था।

चट-चट चटाक !

ये दोष नहीं उसका ,
परिस्थिति का खेल है।
बिन बोले बातें जान जायें,
ऐसा हमारा मेल है। 

सकपकाया मैं कुछ समझ न पाया
अंतिम विकल्प उसे नजर आया। 

गए थे साथ फिल्म देखने,
जिसने हमें देखा वो उसका चाचा था
ये उसका प्यार भरा तमाचा था।
© Tukbook

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